प्रश्न 1 | पशुपालन विभाग में पशु चिकित्सा संस्थाओं का समय क्या है ? | ||||||||||||||||||||||||
उत्तर |
पशु चिकित्सा सस्थाओ मे रोगी पशुओ को देखने का समय निम्न प्रकार है ।
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प्रश्न 2 |
पशुपालन विभाग के द्वारा कौन-कौन से वेक्सीन किस दर पर उपलब्ध कराये जाते हैं?
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उत्तर |
विभाग की विभिन्न संस्थाओं द्वारा निम्न दरों पर टीके लगाये जाते हैं
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प्रश्न 3 |
अकाल की स्थिति में पशुओं को स्वस्थ्य रखने के लिए पशुपालक किन बातों का ध्यान रखे?
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उत्तर |
अकाल की
स्थिति में पशुपालकों को पशुओं की आहार व्यवस्था पर अत्यधिक ध्यान देने की
आवश्यकता है। अकाल में हरे चारे की कमी के कारण पशुओं की निर्भरता रेशेदार
सूखे चारे पर अत्यधिक बढ़ जाती है। अतः सूखे चारे की पोष्टिकता बढ़ाने में
यूरिया द्घोल, यूरिया-शीरा, खनिज तरल मिश्रण एवं यूरिया शीरा खनिज ब्लाक
सहायक होते हैं।
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अतः अकाल के
दौरान उपलब्ध भूसा, खाखला, कडवी, पुवाल या हरी पत्तिया आदि को यूरिया खोल
से उपचारित कर पोष्टिक बनाया जा सकता है। इस विधि के उपयोग हेतु नजदीकी पशु
चिकित्सालय में सम्पर्क करें।
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अकाल के दौरान पशुपालकों को निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिएः-
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प्रश्न 4 |
गाय भैंसों का दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
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उत्तर |
गाय भैंसों में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए।
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प्रश्न 5 |
सन्तुलित पशु आहार क्या है ?
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उत्तर |
सन्तुलित
पशु आहर चारे व दाना का वह मिश्रण जिसमें पशुओं के लिए आवश्यक विभिन्न
पोषक तत्व उचित मात्रा एवं अनुपात में होते हैं। पशुओं के आवश्यक विभिन्न
पोषक तत्व कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, खनिज लवण, विटामिन आदि हैं। पशुओं
को स्वस्थ्य एवं उत्पादकता बनाये रखने के लिए उन्हें पोषिक एवं सन्तुलित
मात्रा में देना नितान्त आवश्यक है।
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प्रश्न 6 |
नवजात बछड़ा-बछड़ी के खानपान का ध्यान कैसे रखें?
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उत्तर |
नवजात
बछड़े-बछड़ियों के जन्म के दो घण्टे के अन्दर ही आधा किलो खीस (कोलस्ट्रम)
नवजात को खिलाना चाहिए। खीस नवजात के लिए सर्वाधिक पोष्टिक एवं सुरक्षित
आहार है। इससे नवजात को बीमारियों से लड़ने की शक्ति मिलती है। 15 दिन
पश्चात् नवजात को ठोस आहार शुरू कर देना चाहिए । इसमें मुलायम द्घास, रजका
आदि खिलाना शुरू करना चाहिए साथ में थोड़ा थोड़ा गेहू का दलिया, चोकर , पिसी
हुई मक्का आदि खिलाना चाहिए। 5-6 माह की उम्र पर बछड़े बछड़ियों को हर
प्रकार का चारा खिलाया जा सकता है।
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प्रश्न 7 |
कृत्रिम गर्भाधान क्या है?
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उत्तर |
कृत्रिम
गर्भाधान में अच्छी नस्ल के सांड के हिमकृत वीर्य को विशेष उपकरणों द्वारा
ताव में आये हुये गाय, भैंस के जननांग में डाल कर ग्याबन किया जाता
है।
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प्रश्न 8 |
राज्य में पशुओं के लिए कौन कौन सी बीमा योजना चल रही हैं एवं उनके बारे में संक्षिप्त में जानकारी क्या है?
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उत्तर |
विभाग के द्वारा वर्तमान में पशुओं एवं पशुपालकों के लिए निम्न बीमा योजनाएं चल रही हैं :-
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भेड बीमा योजनाएं:
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पशु बीमा योजनाएं:
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नोटः |
योजना की विस्तृत जानकारी के लिए अपने जिले के उप निदेशक पशुपालन विभाग कार्यालय अथवा निकटतम पशु चिकित्सालय मे सम्पर्क करे ।
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दुधारू पशुओ के लिये केन्द्रीय बीमा योजना
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उद्देश्य
पशुपालको को उत्तम संतति के दुधारू पशुओं के संधारण के लिये प्रेरित करना और उनकी असामयिक मृत्यु की स्थिति में पशुपालको को शात प्रतिशात आर्थिक पुर्नभरण का लाभ पहुचाना ।
योजना के लाभ
योजना का वर्तमान कार्यक्षेत्र :
योजना को वर्तमान में पायलट आधार पर निम्न जिलो में लागू किया गया है :
1 जयपुर 2. सीकर 3. उदयपुर 4. झुन्झुनु 5. अलवर 6. भरतपुर
पात्रता :
योजना में कोई भी पशुपालक किसी भी नस्ल की अपनी उच्च गुणवत्ता की गाय एवं भैंस का बीमा करवा सकता है ।
अनिवार्यता : बीमा करवाये जाने वाला पशु का दुग्ध उत्पादन 1500 लीटर प्रति ब्यांत से कम नही होना चाहिये । एक पशुपालक को अधिकतम दो पशुओ के प्रीमियम के भुगतान पर 50 प्रतिशत की छूट होगी । बीमा करवाये जाने के लिय प्रस्तावित पशु किसी अन्य बीमा योजना में बीमित नही होना चाहिये । पशु की आयु :
प्रीमियम राशि :
प्रीमियम राशि निम्नानुसार देय होगी :-
नोट अतिरिक्त जोखिम के प्रीमियम एवं सेवा शुल्क पर छूट देय नही है तथा इस राशि को पशुपालक द्वारा वहन किया जायेगा ।
किससे सम्पर्क करे :
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प्रश्न 9. |
बधियाकरण से क्या लाभ है एवं यह सुविधा कहां पर उपलब्ध है?
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उत्तर |
नर
पशु को जनन से अयोग्य करने के लिए विशेष उपकरण द्वारा बधिया किया जाता है
यह सुविधा प्रत्येक पशु चिकित्सा संस्था पर उपलब्ध है। बधियाकरण से निम्न
लाभ हैं:
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प्रश्न10 |
.गाय भैंस में किन प्रमुख रोगों के बचाव हेतु टीकाकरण किया जाना आवश्यक होता है एवं टीकाकरण कब किया जाना चाहिए?
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उत्तर | संक्रामक रोगों के बचाव हेतु टीकाकरण व लक्षण आदि की सूचना निम्नानुसार हैः | ||||||||||||||||||||||||
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प्रश्न11 |
.स्वस्थ्य एवं बीमार गाय के लक्षण क्या हैं?
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उत्तर |
स्वस्थ गाय के लक्षण :
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बीमार गाय के लक्षण :
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प्रश्न12 |
.छुआ छूत के रोगों से बचाव के उपाय क्या उपाय करने चाहिए?
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उत्तर |
बीमार और स्वस्थ पशुओं को अलग रखें।
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प्रत्येक पशुको अलग-अलग स्वच्छ पानी की व्यवस्था करें।
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रोग की सूचना नजदीक के पशु चिकित्सालय / औषधालय में तुरन्त दें ताकि इसकी रोकथाम की जा सके।
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पशु को बांधने के स्थान पर कीटनाशक दवा का छिड़काव करना।
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मृत पशु को
गहरा गडडा खोद कर उसके उपर चूना, नमक डालकर मिट्टी से अच्छी प्रकार दबा
देना तथा झाडियां डाल देनी चाहिए ताकि स्वस्थ पशु वहां न चर सकें।
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प्रश्न13 |
.थनैला रोग से बचाव के उपाय क्या हैं?
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उत्तर |
गौशाला की साफसफाई का विषेश ध्यान दें।
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ग्वालों के हाथ, कपड़ों, दूध के बर्तन, पशु बांधने की जगह तथा अयन की साफ सफाई रखना अति आवश्यक है।
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दूध दूहते समय गाय को अच्छा बांटा खाने को दें।
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संभव हो सकेतो गाय को दूहने के बाद आधा घंटा तक बैठने न दें।
Article Credit: http://animalhusbandry.rajasthan.gov.in/feq.html
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Tuesday, December 24, 2013
पशुपालन विभाग में पशु चिकित्सा...
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बहुत ही अच्छा।
ReplyDeletePlease visit...पशु बीमा योजना